रांचीः रांची के निकट नगड़ी मौजा में प्रस्तावित रिम्स-2 के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ रैयतों और आदिवासियों के विरोध कार्यक्रम के सिलसिले में पुलिस ने पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के नेता देवेंद्रनाथ महतो, बीजेपी नेता कमलेश राम समेत 85 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है.
कांके के सीओ के लिखित लिखित शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में आरोप है उग्र भीड़ ने सरकारी काम में बाधा डाला, पुलिस पर जानलेवा हमला किया और निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया.
गौरतलब है कि जमीन अधिग्रहण के खिलाफ विभिन्न आदिवासी संगठनों ने 23 अगस्त को नगड़ी मौजा में हल जोतो रोपा रोपो कार्यक्रम का आह्वान किया था. इस कार्यक्रम में पुलिस की तमाम घेराबंदी के बाद भी गांवों के आदिवासी और अलग-अलग दलों के नेता, प्रतिनिधि नगड़ी के मौजा में पहुंचे थे.
पुलिस के मुताबिक, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पांच आंसू गैस के गोले छोड़े गए, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. भीड़ ने हरवे-हथियार से पुलिस बल पर हमला किया.
इस दौरान लगभग 227 एकड़ भूमि पर हो रहे निर्माण की घेराबंदी को तोड़ा गया और करीब 1300 सीमेंट के खंभों को क्षतिग्रस्त किया गया, जिससे भारी सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ.
आरोप है कि पूर्व विधायक गीताश्री उरांव, देवेंद्र महतो, जगलाल पाहन, प्रेमशाही मुंडा और अन्य समर्थकों ने “मारो मारो पुलिस प्रशासन हाय हाय, झारखंड सरकार मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाकर भीड़ को उकसाया.
उनके उकसाने पर प्रदर्शनकारियों ने निर्माण स्थल में जबरन प्रवेश किया और ट्रैक्टर से हल चलाकर विरोध प्रदर्शन किया. इस घटना में चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनकी पहचान सिपाही महाबीर टोप्पो, ममता कुमारी, चिंतामणि और नेलेन पूर्ति के रूप में हुई है.
पुलिस ने घटना की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की मदद से और प्रत्यक्षदर्शियों व पुलिसकर्मियों की पहचान के आधार पर 85 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इनमें गीताश्री उरांव, देवेंद्र महतो, जगलाल पाहन, प्रेमशाही मुंडा, रितेश उरांव, निशा भगत, नेलशन भगत, आरती कुजूर, लक्ष्मीनारायण मुंडा, रीजा उरांव, बिरसा उरांव और किरपाल उरांव मुख्य तौर पर शामिल हैं.