खूंटीः खूंटी जिले के तोरपा प्रखण्ड के ब्लॉक मैदान में पारंपरिक श्रद्धा और भक्ति भाव से सिंग बोंगा की पूजा-अर्चना की गई. पूजा के पश्चात एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जो मेन रोड होते हुए हिल चौक तक पहुंची, जहां धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.
सरहुल समारोह में जंगलों- पहाड़ों के संरक्षण और सिंगबोंगा देवता के आदर सम्मान पर जोर दिया गया. वक्ताओं ने कहा कि सिंगबोंगी देवता कुश रहेंगे, तो प्रकृति भी जिंदा रहेगी.
इस अवसर पर तोरपा के झामुमो विधायक सुदीप गुड़िया ने कहा कि पर्व-त्योहार से हमारी परंपरा, सभ्यता-संस्कृति और आस्था जुड़ी है. इससे जीवन में उमंग, उत्साह और उल्लास का संचार होता है. इसी कड़ी में हम सभी वर्षों से परंपरानुसार सरहुल पर्व मनाते आ रहे हैं. हमारे पूर्वजों ने इस प्रकति पर्व की परंपराओं को अक्षुण्ण एवं मजबूती दी है. विरासत में मिली इस परंपरा को और आगे ले जाना है. उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं रक्षा करनी चाहिए.
भाजपा के पूर्व विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि प्रकृति के नए स्वरूप में आने की खुशी में सरहुल का त्योहर मनाया जाता है. आदिवासी समाज प्रकृति से जुड़ा है, इसलिए सरहुल के इस त्योहार को आदिवासी समाज नववर्ष का आगमन मानता है. उन्होंने कहा कि हमारा धर्म संसार धर्म है, जो विज्ञान आधारित है और इसी से पूरा संसार संचालित होता है. पेड़-पौधे, नदी-नाला सबमें सिंङबोंगा बसते हैं.
समारोह में पारंपरिक गीत-संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया आयोजन में क्षेत्रीय लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और आदिवासी संस्कृति की झलक को जीवंत कर दिया. कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष मसीह गुड़िया, बिजेंद्र हेमरोम, प्रमुख रोहित सुरिन, उप प्रमुख संतोष कर, निखिल कंडुलना, संतोषी गुड़िया, चोंगे मुंडा और रेड़ा मुंडा शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन दीपक तिग्गा ने किया.