रांचीः झारखंड के गोड्डा में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए आदिवासी नेता सूर्या हांसदा के मामले में सीबीआइ जांच की मांग को लेकर हाइकोर्ट में क्रिमिनल रिट दायर की गई है.
सूर्या की मां नीलमुनी मुर्मू और पत्नी सुशीला मुर्मू ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए सुनियोजित तरीके से हत्या करने का लगाया आरोप लगाया है.
इसके साथ ही हत्या के पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की गयी है. प्रार्थी की ओर से दायर की गयी याचिका में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, गोड्डा एसपी, देवघर एसपी सहित अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है.
सूर्या हांसदा मुठभेड़ के मामले में आवेदन के आधार पर अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम ने भी गोड्डा पहुंचकर घटना की जानकारी ली है.
कई राजनीतिक दल और आदिवासी संगठन लगातार सूर्या हांसदा मुठभेड़ में पुलिस को थ्योरी को निराधार बताते हुए साजिशन सूर्या की हत्या का आरोप लगाते रहे हैं.
गौरतलब है कि पुलिस में दर्ज सूर्या के खिलाफ दर्ज एक केस के मामले में दस जुलाई को सूर्या हांसदा को देवघर जिले के मोनहनपुर थाना क्षेत्र के नवाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उसे गोड्डा ले जाया गया.
पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान सूर्या ने बोआरीजोर थाना क्षेत्र के ललमटिया धमनी पहाड़ में छिपाए गए हथियारों की जानकारी दी.
रात में पुलिस उन्हें निशानदेही के लिए ले गई, जहां सूर्या ने कथित तौर पर पुलिस का हथियार छीनकर भागने का प्रयास किया. जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से उनकी मौत हो गई.
दूसरी तरफ सूर्या की मां और पत्नी लगातार इन बातों पर जोर देती रही है कि गिरफ्तारी के समय सूर्या बीमार हाल में थे. रात में उसे पहाड़ी पर क्यों ले जाया गया. जब हाथ में हथकड़ी लगी थी, तो वह पुलि का हथियार कैसे छीनकर भागने लगा. सूर्या के परिजनों का आरोप है कि पहले उसे टॉर्चर किया गया. इसके बाद पुलिस ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी.