रांचीः रांची जिले के सिल्ली प्रखंड अंतर्गत मारदू गांव से रेस्क्यू किए गए बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया गया है. झारखंड में यह पहला मौका है, जब किसी बाघ का रेस्क्यू किया गया है.
झारखंड वन विभाग और पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों समेत रेस्क्यू टीम इसे बड़ी सफलता के तौर पर देख रही है. दरअसल बाघ के घर में घुस जाने के बाद भी जान- माल की कोई क्षति नहीं हुई.
बुधवार की सुबह 4.30 बजे यह बाघ रांची से साठ किलोमीटर दूर सिल्ली के मारदू गांव में पूर्णेंदू महतो ऊर्फ पुनवा महतो के घर में घुस गया था.
बाघ के एक कमरे में घुसते ही पुनवा महतो ने साहस और चतुराई के साथ बाहर से कमरे को बाहर से बंद कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने अपनी बेटी और उसकी एक सहेली को घर से बाहर सुरक्षित निकाला.

शाम 5.45 में रेस्क्यू
शाम करीब पौने छह बजे पीटीआर की रेस्क्यू टीम ने बाघ को पुनवा महतो के घर से निकालकर केज में बंद करने में सफलता पाई.
इसके बाद रेस्क्यू टीम बाघ को लेकर पलामू निकली. देर रात सभी पीटीआर पहुंचे.
इससे पहले बाघ को केज में डलने के लिए ट्रैंक्विलाइजर देकर बेहश किया गया था.
रास्ते में पीटीआर के डॉक्टरों ने दो बार बाघ के स्वास्थ्य की जांच की. सुबह में भी सेहत और बेहोशी के असर को भांपा गया.
इसके बाद पलामू टाइगर रिजर्व के उप निदेशक प्रजेशकान्त जेना के नेतृत्व में बाघ को सुबह सात बजे पीटीआर के इलाके में छोड़ा गया. फिलहाल बाघ के मूवमेंट पर निगरानी रखी जा रही है.
उपनिदेशक जेना के मुताबिक यह बाघ नर प्रजाति का और व्यस्त है. रॉयल बंगाल टाइगर प्रजाति के इस बाघ की उम्र लगभग पांच साल है.

इस बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व का ही माना जा रहा है. लिहाजा रेस्कयू टीम और पीटीआर के अधिकारियों इसके वापस होने से खुशी है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ से बंगाल के पुरुलिया तक का करीब 800 किलोमीटर तक बाघ का कॉरिडोर है.
यह बाघ पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में 2023 में दाखिल हुआ था. 2023 के बाद हजारीबाग, चतरा होते हुए, दलमा फिर बंगाल सीमा तक जाने और फिर वापस लौटने के दौरान सिल्ली में आबादी की ओर घुस जाने का अनुमान लगाया जा रहा है.
जब निषेधाज्ञा लागू करना पड़ा
इससे पहले बुधवार की सुबह पुनवा महतो ने ग्रामीणों को बाघ आने की सूचना दी थी. इसके बाद वन विभाग को जानकारी दी गई.
वन विभाग ने सुबह में ओरमांझी जैविक उद्यान की रेस्क्यू टीम को मौके पर बुलाया था, लेकिन यह रेस्कयू टीम बंगाल टाइगर को अपने कब्जे में लेने में विफल रही. इसके बाद पीटीआर की रेस्क्यू टीम को बुलाना पड़ा.
रांची जिला वन प्रमंडल अधिकारी की सूचना के आदार पर सदर एसडीओ के आदेश से सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक के लिए पुवना महतो के आवास परिसर के 200 मीटर की परिधि क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू किया गया था.
ग्रामीणों की जान- माल की सुरक्षा और रेस्क्यू टीम को कार्य में बाधा नहीं पहुंचे, इस लिहाज से निषेधाज्ञा का इस्तेमाल किया गया.
वन विभाग और वाइल्ड लाइफ के कई आला अधिकारी मारदू गांव पहुंचे थे. रांची के रूरल एसपी की अगुवाई में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी. दूसरी तरफ बाघ के एक घर में घुसने की जानकारी मिलने के बाद बड़ी तादाद में वहां ग्रामीण जुट गए थे.