रांचीः झारखंड की राजधानी रांची स्थित सिरमटोली सरना स्थल के पास रैंप विवाद और आदिवासी अधिकारों को लेकर बुलाए गए झारखंड बंद में सुबह से ही जगह-जगह बंद समर्थक सड़कों पर उतरे हैं. रांची में बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है.
आदिवासी बचाओ मोर्चा और केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली बचाओ मोर्चा ने बुधवार, चार जून को झारखंड बंद बुलाया है.
गौरतलब है कि रांची में सरना स्थल के पास से नवनिर्मित फ्लाई ओवर का रैंप हटाने को लेकर आदिवासी संगठन लंबे समय से आंदोलन करते रहे हैं.
बंद समर्थक सड़कों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है. रांची के कई प्रमुख चौक- चौराहे और सड़कों को जाम कर दिया गया है. रातू रोड में ग्लैक्सी मॉल के सामने सड़क पर बंद समर्थकों ने बांस- बल्ली से घेर दिया है. मोराबादी में भी बंद समर्थक सड़कों पर उतरे हैं. प्रमुख इलाके में दुकानें सुबह से बंद हैं. यातायात पर भी असर पड़ा है.
सिरमटोली चौक के पास भी बंद समर्थको ने सड़क जाम कर दिया है, खेलगांव चौक भी जाम है. रांची के कांके, टाटीसिलवे सहित कई इलाकों में सड़क जाम कर दिया गया है और आदिवासी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सड़कों पर बड़ी संख्या में बंद समर्थक महिलाएं भी निकली हैं.
एहतियातन जगह- जगह पुलिस बलों की तैनाती की गई है. पुलिस बंद समर्थकों को समझाने में लगी है, पर वे सड़कों से जाम हटाने को तैयार नहीं दिख रहे.
रांची- हजारीबाग नेशनल हाइवे को भी कई जगह पर जाम कर दिया गया है. उधर गुमला में बंद समर्थकों ने कार्तिक उरांव कॉलेज के निकट बीच सड़क पर टायर जलाकर गुमला- लोहरदगा मार्ग को जाम कर दिया है.

आदिवासी संगठनों का कहना है कि फ्लाई ओवर का रैंप सरना स्थल के पवित्र प्रवेश द्वार पर अवैध रूप से बनाया गया है, जो उनकी आस्था और भावना के विरुद्ध है. आदिवासी संगठनों की मांग है कि इस रैंप को तत्काल हटाया जाए.
इससे पहले मंगलवार की शाम रांची में आदिवासी संगठनों ने मशाल जुलूस निकाला और बंद को समर्थन देने का आह्वान किया. जयपाल सिंह स्टेडियम से निकले इस जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया.
आंदोलन में शामिल प्रेमशाही मुंडा ने कहा है कि आदिवासी अधिकारों की लड़ाई को असरदार बनाने के लिए और सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ बंद बुलाया गया है. सरना स्थल से फ्लाई ओवर का रैंप हटाना होगा.
इनके अलावा पेसा कानून के सही ढंग से लागू करने की मांग, आदिवासी जमीन की लूट पर रोक, लैंडबैंक और उसकी पारदर्शिता, ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना, आदिवासी भाषा और संस्कृति की सुरक्षा, शराबबंदी लागू करने की मांग को लेकर भी आदिवासी मुखर हैं.
पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव का कहना है कि झारखंड बंद का आह्वान सिरमटोली सरना स्थल से रैंप हटाने औरआदिवासी अस्तित्व, धार्मिक आस्था, और संवैधानिक अधिकारों तथा आदिवासी हक हुकूक की रक्षा के लिए किया गया है. आदिवासियों की भावना के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है. हम सभी लंबे समय से अपनी आवाज मुखर कर रहे हैं और हमारी आवाज को दबाने की कोशिशें जारी है. यह बंद हमारे गोलबंदी का प्रतीक है.