रांचीः झारखंड की राजधानी रांची में बहुचर्चित बीजेपी नेता अनिल टाइगर हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. इसके साथ ही पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. रांची के एसएसपी चंदन सिन्हा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में सिलसिलेवार ढंग से हत्याकांड की जानकारी दी.
गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ के हवाले से पुलिस ने बताया है कि 10 एकड़ जमीन के विवाद में सुपारी देकर अनिल टाइगर की हत्या कराई गई. इसके साथ ही पुलिस ने इस कांड में 4.5 करोड़ रुपये का कनेक्शन भी बताया है.हत्या की योजना कोलकाता के उलटाडांगा के एक होटल में 12 मार्च को तैयार की गई थी.
अनिल टाइगर की हत्या पिछले 26 मार्च को कांके चौक पर दिनदहाड़े गोली मारकर कर दी गई थी. एसएसपी ने बताया कि अनिल टाईगर मूल रूप से कांके थाना क्षेत्र के गागी खटंगा गांव के रहने वाले थे. राजनीतिक कार्यकर्ता के साथ वे समाजसेवी भी थे.
पुलिस को तफ्तीश में पता चला है कि कांके थाना क्षेत्र के ही चामगुरु मौजा में 10 एकड़ विवादित भूमि पर ग्रामीणों के सहयोग से रांची के देवव्रत नाथ शाहदेव कथित तौर पर कब्जा करने की कोशिशों में लंबे समय से जुटे थे. जबकि अनिल टाईगर ने इसका विरोध करते रहे. मामला सुलझाने के लिए कई बार देवव्रत नाथ शाहदेव के साथ अनिल टाइगर की वार्ता हुई, लेकिन हर बार बातचीत विफल रही.
टाईगर की हत्या की सुपारी
देवेंद्रनाथ शाहदेव को जमीन पर कब्जा नहीं मिलने से उसे आर्थिक नुकसान हो रहा था. जमीन पर कब्जा नहीं मिलने से उसे आर्थिक नुकसान हो रहा था. शाहदेव ने थाने में जमीन के केयरटेकर दिलीप कुमार मुंडा के जरिये कांके थाना में अनिल महतो समेत 8 नामजद और 40-50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट, तोड़फोड़ करने और रंगदारी मांगने के आरोप लगाते हुए केस (कांड संख्या 215/2023) दर्ज करवाया था. 26 अगस्त 2023 को दर्ज कराये गये इस केस की जांच अब भी जारी है.

बैठक में अनिल टाइगर की डील नहीं हो सकी
पुलिस के मुताबिक इसी मामले में सेटल करने के मकसद से विनोद पासवान के घर हुई बैठक में अनिल महतो ने प्रति डिसमिल 50 हजार रुपए की दर से 4.5 करोड़ रुपए की मांग की. कहा कि अगर यह राशि उन्हें मिल जायेगी, तो वह और जमीन के जोतकार विरोध करना बंद कर देंगे. हालांकि यह बैठक बेनतीजा रही.
हालांकि इस दौरान दोनों पक्षों में कहा-सुनी भी हुई. बैठक के दौरान ही देवव्रत शाहदेव ने अनिल महतो को धमकी देते हुए उन पर पिस्टल तान दी थी. इसके बाद देवव्रत ने अनिल टाईगर को रास्ते से हटाने का फैसला किया. उसने कोतवाली थाना क्षेत्र के शिवगंज निवासी अपराधकर्मी अभिषेक सिन्हा उर्फ सूरज सिन्हा को अनिल टाईगर की हत्या की दो लाख की सुपारी दी.
कोलकाता से 18 मार्च को पहुंचा शूटर
पुलिस ने इस कांड में अमन सिंह, रोहित वर्मा, जिसान अख्तर उर्फ जिसू, मनीष चौरसिया और अजय कुमार रजक को गिरफ्तार कर लिया है. सभी ने स्वीकार किया है कि वे हत्याकांड में शामिल थे.
हत्या में शामिल शूटर अमन सिंह और रोहित वर्मा 18 मार्च 2025 को कोलकाता से रांची पहुंचे थे. हालांकि दोनों शूटर रांची के पुंदाग इलाके के रहने वाले हैं. घटना के दिन अभिषेक सिन्हा ने शूटरों को अपाची बाइक उपलब्ध कराई थी. कोकर स्थित घर से अनिल टाइगर जब अपनी काली रंग की स्कार्पियो से निकले, तो उनका पीछा करते हुए शूटर कांके पहुंचे. तब अनिल महतो एक होटल में बैठे थे. उसी दौरान अपराधियों ने उन्हें नजदीक से गोली मार दी.
गौरतलब है कि अनिल टाइगर की हत्या के बाद बीजेपी ने 27 मार्च को रांची बंद बुलाया था. बंद के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का गुस्सा फूटता रहा. इस घटना की जांच विधानसभा के बजट सत्र में भी सुनाई पड़ी. बुधवार, 9 अप्रैल को बीजेपी विधायक सीपी सिंह के नेतृत्व में नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी अनुराग गुप्ता से मिलकर इस हत्याकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग के साथ कानून व्यवस्था पर चिंता जताई थी.