रांचीः झारखंड में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि गिरिडीह जिले के घोड़थंबा में होली के दिन हुई हिंसा के मामले में प्रशासन कार्रवाई को लेकर उपद्रवियों को बचाने और पीड़ित पक्ष को ही घसीटने में जुटा है.
गौरतलब है कि घोड़थंबा में होली के दिन दंडाधिकारी के तौर पर मौजूद सुरेंद्र प्रसाद वर्णवाल ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई है. इसमें कम से कम 80 लोगों को नामजद और 200 अज्ञात शामिल हैं. प्राथमिकी में एक पक्ष के 39 लोगों के नाम हैं, तो दूसरे पक्ष के लोगों की संख्या 41 है. उपद्रव के दौरान चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. पुलिस ने कार्रवाई के तहत 22 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
इस बीच अपने एक्स पर एफआईआर की कॉपी साझा करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जैसे अंदेशा उन्होंने व्यक्त किया था, वही होता हुआ दिख रहा है.
उन्होंने कहा है, “कल आशंका व्यक्त की थी कि होली के दिन गिरिडीह के घोड़थंबा में हुई हिंसा मामले में प्रशासन उपद्रवियों का बचाव करते हुए मामले को संतुलित दिखाने के लिए पीड़ित पक्ष पर कारवाई कर सकती है. अब इस मामले में दर्ज एफ आई आर को देखने से ऐसा लगता है जैसे यह कोई शिकायतवाद नहीं, बल्कि हमले का एक पूर्व नियोजित खाका हो.”
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि एफआईआऱ में जिस प्रकार से घटना को वर्णित किया गया है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस-झामुमो के शासन में घोड़थंबा के लोगों होली मनाकर कोई अपराध कर दिया है. यदि लोग अपना त्योहार मनायेंगे तो उनपर बोतल बम और पत्थर से हमला होगा, फिर उसके बाद घटना का दोषी बताते हुए उनपर ही मुकदमा भी दर्ज होगा!
मरांडी ने आरोप लगाया है कि यह प्राथमिकी तुष्टिकरण से प्रभावित लगती है, पीड़ित पक्ष को ही दोषी ठहराए जाने की सुनियोजित साजिश रची गई है.
गौरतलब है कि शुक्रवार को होली के दिन घोड़थंबा में होली का जुलूस लेकर लोग सड़कों पर निकले थे. इस दौरान जुलूस पर अचानक कथित तौर पर पत्थरबाजी शुरू हो गई, इसके बाद हंगामा शुरू हो गया. देखते ही देखते आगजनी की घटना हो गई. इसमें कई दुकानों के अलावा गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. ये सभी गाड़ियां जल कर राख हो गईं. आगजनी की खबर के बाद दमकल की कई गाड़ियां पहुंची और काबू पाया. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस लगातार कैंप कर रही है.