रांचीः आजरबैजान से प्रत्यर्पित कर रांची लाये गये गैंगस्टर को शनिवार की शाम रामगढ़ की एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में रामगढ़ उपकारा (जेल) भेजा गया.
आंतकवादी निरोधी दस्ते एटीएस ने कोर्ट से रिमांड पर देने की मांग की थी. कोर्ट ने फिलहाल रिमांड पर नहीं दिया है.
गौरतलब है कि अजरबैजान से प्रत्यर्पण के बाद झारखंड आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा गैंगस्टर मयंक सिंह को शनिवार सुबह रांची वापस लाया गया.
इसके बाद कड़ी सुरक्षा में उसे एयरपोर्ट से बख्तरबंद गाड़ी में उसे रामगढ़ की एक अदालत में पेश करने के लिए ले जाया जाएगा.
रामगढ़ कोर्ट में भी मयंक सिंह की पेशी को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. दोपहर बाद उसे अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया.
ध्यान रहे “झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला सफल प्रत्यर्पण है.
एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, मयंक सिंह पर रामगढ़ के पतरातू थाना क्षेत्र में दर्ज एक कांड में आरोप पत्र दाखिल किया गया था. इसी मामले के आधार पर बाकू अपराध न्यायालय में मुकदमा चला और अजरबैजान की अदालत ने उसके भारत प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी. पतरातू के मामले को लेकर ही उसे कोर्ट में पेश किया गया था.
इससे पहले शनिवार की सुबह रांची हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने कहा, “झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला सफल प्रत्यर्पण है. हमें उम्मीद है कि विदेश में मौजूद बाकी अपराधियों को भी जल्द ही प्रत्यर्पण या निर्वासन के जरिए वापस लाया जाएगा.”
एटीएस एसपी ने बताया कि सिंह झारखंड, राजस्थान और पंजाब समेत अन्य राज्यों में दर्ज 50 से अधिक मामलों में वांछित है.
पुलिस अधिकारी ने कहा, प्रथम दृष्टया, वह अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के बीच संपर्क का एक बिंदु प्रतीत होता है. हम उससे पूछताछ करेंगे और जेल में दोनों गिरोहों के किस तरह के संबंध हैं, इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे.
मयंक सिंह को पिछले साल अक्टूबर में आजरबैजान के दातू में गिरफ्तार किया गया था.
झारखंड पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश में थी और उसका प्रत्यर्पण एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है.