रांचीः झारखंड मेंशराब घोटाला मामले में वरिष्ठ आइएएस अधिकारी विनय चौबे को एसीबी के स्पेशल कोर्ट ने सशर्त जमानत की सुविधा प्रदान की है.
कोर्ट ने 90 दिनों की समय सीमा पूरी होने के बाद भी जांच एजेंसी के द्वारा चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर जमानत दी है.
हालांकि, चौबे को तुरंत जेल से रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि वह हजारीबाग में जमीन से संबंधित एक मामले में भी आरोपी हैं. चौबे का फिलहाल रिम्स में इलाज चल रहा है.
विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश आजमानी ने कोर्ट में पैरवी की. दलील सुनने के बाद कोर्ट ने बीएनएसएस की धारा 187(2) के तहत विनय चौबे को डिफॉल्ट बेल दी है.
विनय चौबे की तरफ से पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में मंगलवार को 92 दिन बीत चुके हैं, लेकिन एसीबी ने आरोपपत्र दाखिल नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में निर्देश दिया है कि अगर तय समय में आरोपपत्र दाखिल नहीं किया जाता है, तो आवेदक डिफ़ॉल्ट ज़मानत का हकदार हो जाता है.
चौबे का फिलहाल रिम्स में इलाज चल रहा है।
कोर्ट ने इस शर्त पर विनय चौबे को जमानत की सुविधा प्रदान की है कि बेल पर रहने के दौरान उन्हें राज्य से बाहर जाने से पहले कोर्ट को सूचना देनी होगी. साथ ही ट्रायल के दौरान वे अपना मोबाइल नंबर भी नहीं बदल सकते हैं. जमानत की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उन्हें 25-25 हजार के रुपये के दो निजी मुचलके भरने होंगे.
उल्लेखनीय है कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने बीते 20 मई को शराब घोटाले से जुड़े मामले में विनय चौबे को पूछताछ के लिए बुलाया था. पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर कर लिया था.
चौबे पर 38 करोड़ रुपये की शराब बिक्री से संबंधित घोटाले में शामिल होने का आरोप है.
फिलहाल विनय चौबे न्यायिक हिरासत में हैं. राज्य सरकार के उन पर लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है.