पाकुड़ः पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि झारखंड में अगर पेसा कानून लागू लागू नहीं होता है, तो आदिवासी अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा. एक आदिवासी, मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहकर भी अगर पेसा कानून लागू करने के प्रति गंभीर नहीं है, तो उसे आदिवासियों का हितैषी कहने का कोई अधिकार नहीं है.
ट्राइबल रोलर इन यूथ ऑर्गेनाइजेशन (तिरयो) के बैनर तले सिदो कान्हू आदिवासी ओवर रकाब संगठन की ओर से लिट्टीपाड़ा के सिमलजोड़ी फुटबॉल मैदान में आयोजित जनचौपाल में रघुवर दास ने ग्राम प्रधानों और पहाड़िया समुदाय के हजारों लोगों के साथ सीधा संवाद किया. इसी संवाद में उन्होंने आदिवासी विकास, कल्याण और सवालों को लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर हमला भी बोला.
रघुवर दास ने कहा कि पहाड़िया बहुल इलाके का विकास स र्फ ग्राम सभा के माध्यम से ही संभव है. और ग्राम सभा को सशक्त बनाने के लिए पेसा कानून लागू करना जरूरी है. चुनाव में पेसा कानून की वकालत करने वाले हेमंत सोरेन सत्ता में आते ही इस कानून को लागू करने से बच रहे हैं.
उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि आदिवासी समाज को आगे बढ़कर अपना हक और अधिकार लेना होगा. इसके साथ ही रघुवर दास ने लोगों से कहा कि 2018 में हमारी सरकार ने पेसा कानून लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. लेकिन 2019 में जनादेश नहीं मिलने के कारण उस पर विराम लग लग गया.
बालू, कोयला, पत्थर का सिंडिकेट
जन चौपाल में मौजूद लोगों ने विकास योजनाओं में हो रही लूट खसोट सहित ग्रामीण इलाकों की समस्याओं को घुवर दास के सामने प्रमुखता से रखा.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें अच्छी तरह से पता है कि लिट्टीपाड़ा आदिवासी इलाके में जल संकट गंभीर समस्या है. आदिवासी महिलाएं पहाड़ों पर कई मील चलकर पानी का जुगाड़ करती है. 2017 में 217 करोड़ की जलापूर्ति योजना स्वीकृत की गई थी. लेकिन सात आठ वर्षों में वह योजना पूरी नहीं हुई.”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान झारखंड सरकार राज्य में बालू, कोयला, पत्थर का सिंडिकेट चला रही है और राज्य को पीछे ले जाने का काम कर रही है. जिस कारण यहां के आदिवासी, आदिम जनजाति पहाड़िया समाज के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान हैं.
उन्होंने कहा, हेमंत सोरेन की सरकार अपनी मतपेटी भरती है, और गरीब आदिवासियों को मौत की पेटी में छोड़ देती है. यह सरकार चुनाव के वक्त आदिवासियों की भावनाओं को भड़काकर अपना स्वार्थ साधने का काम करती है.कार्यक्रम में बीजेपी नेता साहेब हांसदा, मिसफीका हमसन, अमृच पांडेय समेत दर्जनों गांव के ग्राम प्रधान मौजूद थे.