रांची : सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने रांची में साइबर अपराध में संलिप्त सात एजेंटों को गिरफ्तार किया है.
ये रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र स्थित ओलिव गार्डन होटल से उक्त नेटवर्क को संचालित कर रहे थे. लोगों निवेश का झांसा देकर घोटाला, डिजिटल अरेस्ट जैसी धोखाधड़ी गतिविधियों में संलिप्त होने के साथ म्यूल बैंक खातों की व्यवस्था कर चीनी ठगों की मिलीभगत से अवैध ट्रांजेक्शन कर रहे थे.
गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 12 मोबाइल, 11 लैपटॉप, 14 एटीएम, चेक बुक के साथ ही व्हाट्सएप और टेलीग्राम के 60 से अधिक चैट बरामद किए गए हैं.
साआईडी ने एक प्रेस रिलीज में बताया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कुमार दीपक, कुमार सौरभ, प्रभात कुमार, लखन चौरसिया, शिवम कुमार, अनिल कुमार और प्रदीप कुमार शामिल हैं.

साइबर क्राइम ब्रांच को अपनी टेक्निकल टीम के जरिए सूचना मिली थी कि रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के ओलिव गार्डन होटल में संगठित साइबर अपराधियों का एक गिरोह जमा हुआ है. यह गिरोह निवेश घोटाला और डिजिटल अरेस्ट जैसी धोखाधड़ी की गतिविधियों में संलिप्त है.
गिरफ्तार एजेंटों में बिहार के सीवान जिले के टाउन थाना फतेहपुर बाईपास रोड निवासी कुमार दीपक, प्रभात कुमार, जिले के बिंद थाना क्षेत्र के घनेश्वर घाट निवासी कुमार सौरभ, नवादा जिले के रोह थाना क्षेत्र के कुजैला रोड निवासी शिवम कुमार, पटना जिले के दिदारगंज खाजपुर कच्छी दरगाह निवासी अनिल कुमार, पटना में ही गौरीचक थाना क्षेत्र के रामगंज का रहने वाला प्रदीप कुमार और मध्य प्रदेश के सागर जिले के गोपालगंज थाना क्षेत्र के तिलीवार्ड सागर काली मंदिर के पास मेंबर गली निवासी लखन चौरसिया शामिल हैं.
म्यूल बैंक खातों की आपूर्ति में लगे थे सभी
साइबर अपराध थाने की पुलिस को पड़ताल में पता चला है कि यह गिरोह देश के विभिन्न हिस्सों से म्यूल बैंक खातों की आपूर्ति में लगे थे.
गिरफ्तार चीनी नेटवर्क से जुड़े एजेंओं के पास से वाट्सएप व टेलीग्राम चैट्य से बड़ी संख्या में बैंक खातों की जानकारी और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए हैं.
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि चीनी गिरोह के लिए काम करने वाले एजेंटों को टेलीग्राम के माध्यम से एक एप भेजी जाती थी। इस एप को वे बैंक से जुड़ी सिमकार्ड में इंस्टाल करते थे. इंस्टाल करने के बाद यह एप ओटीपी और बैंक अलर्ट्स को स्वचालित रूप से चीनी सर्वर पर ट्रांसमिट कर देती थी. इससे चीन में बैठे अपराधी उन खातों का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर रहे थे और करोड़ों रुपये की धोखाधाड़ी कर रहे थे.
इन सभी बैंक खातों के लिंक विभिन्न राज्यों में दर्ज निवेश घोटाले व डिजिटल अरेस्ट से संबंधित शिकायतों से मिले हैं, जिनकी रिपोर्ट केंद्र की एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज हैं. अब तक कुल 60 म्यूल बैंक खाता की विवरणी प्राप्त हुई है, जिसमें पूरे भारत से कुल 68 शिकायतें दर्ज हैं.
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