रांचीः अबुआ अधिकार मंच के एक प्रतिनिधमंडल ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात कर राज्य में नशे के कारोबार और युवी पीढ़ी पर इसके दुष्परिणाम की भयावहता से अवगत कराया.
मंच के अध्यक्ष गौतम सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधfमंडल ने राज्यपाल को एक मांग पत्र सौंपा. इसके साथ ही आग्रह किया है कि पूरे राज्य में जो हालात बने हैं उसे नियंत्रण में करने के लिए एक राज्य स्तरीय विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाए.
इस टास्क फोर्स की जिम्मेदारी किसी कर्तव्यनिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी को सौंपी जाए. साथ ही यह टास्क फोर्स राज्य के सभी जिलों में प्रतिबंधित मादक पदार्थों की बिक्री, भंडारण और तस्करी की निगरानी करने के साथ दोषियों पर त्वरित और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे.
प्रतिबंध के बावजूद
मंच के युवा प्रतिनिधियों ने राज्यपाल को बताया है कि झारखंड सरकार द्वारा मादक एवं नशीले पदार्थों जैसे गुटका, पान मसाला, तंबाकू आदि पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध का उद्देश्य प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा करना और युवाओं को नशे के दलदल से बाहर निकालना रहा है, लेकिन स्थिति इसके पूर्णतः विपरीत है.
प्रतिबंध के बावजूद इन घातक पदार्थों की बिक्री पूरे राज्य में सार्वजनिक तौर पर मोहल्ले, चौराहे, बाजार, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और यहाँ तक कि विद्यालयों एवं महाविद्यालय परिसरों के आस-पास भी धड़ल्ले से हो रही है.
वर्तमान में विद्यालयों, महाविद्यालयों और कोचिंग संस्थानों सहित के पास इन पदार्थों की आसानी से उपलब्धता युवाओं के स्वास्थ्य और भविष्य दोनों के लिए खतरा बन गई है. इससे शैक्षणिक वातावरण और सामाजिक विकास पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. नशे की लत के चलते अपराध की घटनाएं बढ़ती रही हैं. अफीम, ब्राउन शुगर के धंधे में लिप्त रैकेट शहर में सक्रिय हैं.
मंच ने चिंता जाहिर करते हुए राज्य की बेहतरी और नशामुक्त छवि के लिए राज्यपाल से इस मामले में पहल करने का अनुरोध किया है. राज्यपाल से मिलने वालों में नीरज कुमार, कुमारी अंजना,शौविक भट्टाचार्य, शगुफ्ता शामिल थे.