चाईबासा: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान की समीक्षा के लिए पहुंचे राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने सुरक्षा बलों का हौसला बढ़ाते हुए निर्णायक लड़ाई के संकेत दिए हैं.
उन्होंने पुलिस अफसरों से कहा कि नक्सल विरोधी अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए समन्वय, रणनीति और संसाधनों के बेहतर उपयोग की आवश्यकता है. डीजीपी ने मौके पर तैनात जवानों से संवाद कर उनका हौसला बढ़ाया और मनोबल को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया.
समीक्षा बैठक के बाद अधिकारियों ने विश्वास जताया है कि संयुक्त सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों और स्थानीय सहयोग से आने वाले समय में जिले में नक्सली गतिविधियों पर निर्णायक नियंत्रण स्थापित किया जाएगा. पिछले कई दिनों से झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ संयुक्त रूप से चाईबासा के जंगलों में माओवादियों के खिलाफ अभियान चला रही है.
इसी अभियान के क्रम में 12 अप्रैल को छोटानागरा और जराईकेला थाना क्षेत्रों की सीमावर्ती पहाड़ी इलाके में आईईडी विस्फोट में झारखंड जगुआर के कॉन्स्टेबल सुनील धान शहीद हो गए हैं. जबकि इस घटना में घायल कोबरा बटालियन के जवान विष्णु सैनी का इलाज रांची में चल रहा है. इससे पहले एक सब इस्पेक्टर भी नक्सली हमले में शहीद हुए हैं.
वहीं, दूसरी ओर अभियान के दौरान पुलिस फोर्स ने दो दर्जन नक्सलियों के बंकरों को धव्स्त किया. कई आईईडी बरामद कर उसे बम निरोधक दस्ता के सहयोग से विनष्ट करने के अलावा नक्सलियों के कई दस्तावेज और रोजमर्रा के सामान भी अभियान के दौरान बरामद किए जा चुके हैं. नक्सली हमले और पुलिस की कार्रवाई की समीक्षा करने ही डीजीपी चाईबासा पहुंचे थे.
इस समीक्षा बैठक में सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर के पुलिस महानिरीक्षक साकेत कुमार सिंह, दक्षिणी छोटानागपुर प्रक्षेत्र के आईजी अखिलेश झा, अभियान के आईजी अमोल विनुकांत होमकर, झारखंड जगुआर (एसटीएफ) के आईजी अनुप बिरथरे, सीआरपीएफ चाईबासा के परिचालन उप-महानिरीक्षक पूरन सिंह रन सत्तू, तथा पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे.