हजारीबागः पुलिस ने नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के अधिकारी कुमार गौरव हत्याकांड में चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है. हजारीबाग रेंज के डीआईजी संजीव कुमार ने यह जानकारी दी है.
गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ के बाद पुलिस अधिकारी ने बताया है कि कुमार गौरव की हत्या का मकसद कोयला खनन क्षेत्र में खौफ पैदा करना था. फायरिंग करने वाले चारों अपराधी हजारीबाग और चतरा जिले के अलग- अलग जगहों के रहने वाले हैं.
डीआईजी संजीव कुमार ने कहा कि इस घटना के पीछे एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर साहू गिरोह का हाथ है, जो क्षेत्र में दहशत कायम करना चाहते हैं.
गिरफ्तार अपराधियों में मुख्य शूटर मिंटू कुमार पासवान उर्फ छोटा छत्री, बाइक चलाने वाला राहुल मुण्डा उर्फ मिरिंडा, रेकी करने वाला मनोज माली और हथियार सप्लाई करने वाला अशोक यादव शामिल हैं. इस घटना में मंटू कुमार ने ही फायरिंग की थी. अशोक यादव के ऊपर पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हैं.
पुलिस ने इनके पास से 7.65 बोर की पिस्टल, तीन जिंदा गोलियां, वारदात में इस्तेमाल की गई लाल रंग की बिना नंबर की पल्सर बाइक, नकद रुपये, पांच मोबाइल फोन और वारदात के दौरान पहने गए कपड़े बरामद किए है.
पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि अपराधी 7 मार्च को ही इस घटना को अंजाम देने की फिराक में थे. लेकिन उस दिन अंजाम नहीं दे पाए और अगले दिन, 8 तारीख को कुमार गौरव की हत्या कर दी.
पिछले आठ मार्च को अपराधियों ने हजारीबाग के कटकमदाग थाना क्षेत्र के फतहा में चलती गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. गाड़ी में कुमार गौरव सवार थे. घायल हालत में उन्हें हजारीबाग के अस्पताल में लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
पुलिस अधिकारी संजीव कुमार ने मीडिया को बताया है कि एसआईटी ने तफ्तीश में तकनीकी साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया है. अपराधियों के मूवमेंट को ट्रैक करते हुए पुलिस टीम ने अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर अपराधियों को पकड़ा है.
इस घटना की गूंज झारखंड विधानसभा और लोकसभा में भी सुनाई पड़ी थी. राज्य के डीजीपी घटना की जानकारी लेने खुद हजारीबाग पहुंचे थे. जांच के लिए एक एसआईटी गठित की गई थी.
पिछले आठ मार्च की सुबह को कुमार गौरव की हत्या के बाद हजारीबा, पकरी बरवाडीह, केरेडारी, टंडवा स्थित एनटीपीसी की परियोजनाओं और दफ्तरों में अधिकारियों समेत कर्मियों ने कामें कार्य बहिष्कार कर रखा था. कार्य बहिष्कार के कारण हजारीबाग से आठ तारीख से ही कोयला का रैक जाना भी बंद हो चुका था. दिल्ली में अखिल भारतीय एनटीपीसी कार्यपालक पदाधिकारी महासंघ (नेफी) के पदाधिकारी ने केंद्रीय कोयला एवं विद्युत मंत्री से मुलाकात कर कुमार गौरव की हत्या के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी. नेफी ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया था. कई स्तरों पर वार्ता के पांच दिनों के बाद कोयला खनन- डिस्पैच का काम शुरू हुआ था.