रांचीः झारखंड में कोल्हान का सबसे बड़ा महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की छत गिरने से तीन मरीजों की दबकर हुई मौत के मामले में सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. इस हादसे में दो और लोग घायल हैं. जिनका इलाज चल रहा है.
शनिवार की रात घटना स्थल पर पहुंचे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने जमशेदपुर के डीसी को 48 घंटे में जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इसके साथ ही मृतक के परिजन को पांच- पांच लाख तथा घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजे की घोषणा की गई है. मंत्री ने कहा है कि अस्पताल के नये भवन में सब कुछ शिफ्ट करने को कहा गया है.
यह घटना शनिवार दोपहर बाद की है, जब अचानक अस्पताल के बी ब्लॉक मेडिसीन विभाग के तीसरे तल्ले के बरामदे की छत टूट कर गिर गई. इसके बाद पूरे अस्पताल में अफरा तफरी मच गई. जिला प्रशासन तथा अस्पताल के कई अधिकारी पहुंचे. रेस्कयू का काम तत्काल शुरू किया गया. फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची. इसके बाद एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाला. शाम में मलवे से दो लोगों का शव निकाला गया था. जबकि एनडीआरएफ की टीम ने रात डेढ़ बजे तीसरे शव को मलबे से बाहर निकाला.

तीन लोगों की मौत
मृतकों में डेविड जॉनसन (76 वर्ष), लुकास साइनमन तिर्की (61 और श्रीचंद तांती शामिल हैं. डेविड जॉनसन और लुकास साइमन जमशेदपुर के रहने वाले हैं, जबकि श्रीचंद तांती सरायकेला के रहने वाले हैं. मलबे से रेणुका देवी और सुनील कुमार को बाहर निकाला गया है. रेणुका देवी का इलाज टीएमएच में चल रहा है.
जांच के आदेश, कमेटी गठित
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस हादसे के जांच के आदेश दिए हैं. जमशेदपुर के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने एडीसी की अगुवाई में चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा दास साहू ने इस घटना के लिए अस्पताल प्रबंधन और सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने कहा है कि बिल्डिंग की छत बहुत पहले से जर्जर है. इसके बाद भी अधिकारियों ने इसकी अनदेखी की. छत गिरने के बाद गायनी विभाग में भी अफरा तफरा मच गई. महिलाएं अपने नवजात को लेकर वार्ड से बाहर निकल गईं.
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास,, अर्जुन मुंडा, चंपाई सोरेन ने भी इस घटना को लेकर व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. उधर स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के अधिकारियों को इस हादसे को लेकर फटकार भी लगाई है.