झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और अभी राज्य सभा के सांसद शिबू सोरेन झारखंड आंदोलनकारी घोषित किये गये हैं.
झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग ने 75वीं औपबंधिक सूची रामगढ़ जिले के लिए जारी की है. इसमें अलग राज्य की लड़ाई के अहम किरदार दिशोम गुरु शिबू सोरेन का नाम भी शामिल है.
81 साल के शिबू सोरेन रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड के नेमरा गांव के रहने वाले हैं
आयोग ने शिबू सोरेन को आंदोलनकारी घोषित करने के कारणों का विवरण भी प्रकाशित किया है. इसमें बताया गया है कि छोटानागपु, संताल परगना के विधायकों और सांसदों ने राज्यपाल और राष्ट्रपति से केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी.
22 सितंबर 1987 को झामुमो की विशाल जनसभा में झारखंड के लिए निर्णायक लड़ाई का आह्वान किया गया.
अलग राज्य की लड़ाई के दौरान झारखंड के मामलों को लेकर गठित समिति में शिबू सोरेन शामिल रहे. झारखंड क्षेत्र स्वशासी परिषद की सदस्यता हासिल करने में भी वे शामिल रहे.
शिबू सोरेन ने 14 मई, 1989 को विधायक पद से इस्तीफा दिया और 30 मई तक अलग झारखंड राज्य देने का अल्टीमेटम दिया.
इससे पहले 1969-70 में नशाबंदी, साहूकार तथा जमीन बेदखली के खिलाफ जोरदार जनांदोलन किया.
बिनोद बिहारी महतो एवं अन्य के साथ मिलकर झामुमो की स्थापना की.
उन्होंने 31 मई 1989 को तत्कालीन बिहार सरकार के साथ झारखंडी नेताओं की बैठक करायी. छोटानागपुर अलग संघर्ष समिति के सदस्य रहे