प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिन्नावात ने गुरुवार दोपहर बैंकॉक में द्विपक्षीय चर्चा की. इसके पश्चात दोनों देशों के नेताओं ने संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत और थाईलैंड के सदियों पुराने संबंध हमारे गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सूत्रों से जुड़े हैं. बौद्ध धर्म के प्रसार ने हमारे जन-जन को जोड़ा है. अयुत्थया से नालंदा तक विद्वानों का आदान-प्रदान हुआ है. रामायण की कथा थाई लोक-जीवन में रची-बसी है.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ”इस खूबसूरत स्वर्ण-भूमि में मेरे और मेरे डेलिगेशन के गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य-सत्कार के लिए मैं प्रधानमंत्री शिन्नावात का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं.
पीएम मोदी ने 28 मार्च को आए भूकंप में हुई जनहानि के लिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, ”मैं भारत के लोगों की ओर से गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं. और, हम घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.”
विशेष स्थान है
पीएम मोदी ने कहा, भारत की एक्ट ईस्ट (Act East) पॉलिसी और हमारे इंडो पैसेफिक (Indo-Pacific) विजन में थाईलैंड का विशेष स्थान है. आज हमने अपने संबंधों को स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का रूप देने का निर्णय लिया है. सुरक्षा एजेंसियों के बीच ‘स्ट्रैटेजिक डायलॉग’ स्थापित करने पर भी चर्चा की.
उन्होंने बताया, हमने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों और थाईलैंड के बीच टूरिज्म, कल्चर, एजुकेशन क्षेत्रों में सहयोग पर बल दिया है. आपसी व्यापार, निवेश और बिजनेस के बीच आदान प्रदान बढ़ाने पर हमने बात की. एमएसएमई, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट में भी सहयोग के लिए समझौते किए गए हैं.