रांचीः आजसू पार्टी में अलग- अलग पदों पर रहते हुए लंबे दिनो तक राजनीति करने वाले आशुतोष गोस्वामी अपने समर्थकों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए हैं. शनिवार को जेएमएम के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. आजसू से इस्तीफा देने वालीं नीरू शांति भगत ने भी झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम लिया है.
आजसू नेता आशुतोष के जेएमएम में शामिल होने पर पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा है ,“एक पुराना और जुझारू साथी साथ आया है. संगठन को इसका लाभ मिलेगा. आशुतोष ने आंदोलन को भी करीब से देखा है.”
आशुतोष गोस्वामी, आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव के पद पर थे. इससे पहले वे रांची महानगर अध्यक्ष, प्रभारी का पद भी संभाल चुके हैं. अलग राज्य गठन के बाद से राजधानी रांची में आजसू के झंडे लहराने, आंदोलनों, कार्यक्रमों, रैलियों में आवाज मुखर करने में आशुतोष गोस्वामी की अगुवाई में युवाओं की टोली की बरसों तक अहम भागीदारी रही. अलग राज्य गठन से पहले ही उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत एक राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर की थी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होने के बाद आशुतोष गोस्वामी ने कहा है, “दिशोम गुरुजी शिबू सोरेन जी और राज्य में सर्वमान्य नेता और सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन का एक सिपाही बनकर उनके हाथों को मजबूत करना है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, आजसू और उसके नेतृत्व को पीछे छोड़ आए हैं. जमीनी कार्यकर्ताओं की वहां कद्र नहीं रही.”
गौरतलब है कि आशुतोष और उनके समर्थक रांची में कई संगठनों से भी जुड़े रहे हैं और सामाजिक, पारंपरिक, धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर भाग लेते रहे हैं. 2024 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले और नतीजे आने के बाद पार्टी के अंदर- बाहर उपजे हालात और गतिविधियों को लेकर उन्होंने पार्टी से चुपचाप मुंह मोड़ते हुए किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने से अलग कर लिया था. इसी दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी वे अपने समर्थकों के साथ मिले थे. इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि वे जेएमएम में शामिल हो सकते हैं.
आशुतोष गोस्वामी के साथ संजय, लकड़ा, विश्वास उरांव, अशोक कच्छप समेत कई लोग जेएमएम कार्यालय पहुंचे थे.