रांचीः झारखंड प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन की सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि सरकार के संरक्षण में जिले के अफसर डीएमएफटी फंड को एटीएम समझकर लूट मचा रहे हैं.
इसके साथ ही उन्होंने बोकारो में हुई कथित तौर पर डीएमएफटी फंड में करोड़ों की लूट को लेकर सरकार से सीबीआइ जांच कराने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि लूट का पैसा सीएम की तिजोरी में जमा हो रहा है.
पार्टी कार्यालय में एक प्रेस काफ्रेंस में बाबूलाल मरांडी ने बोकारो जिले में डीएमएफटी फंड से खरीदे गए सामान और योजनाओं में खर्च पैसे के तथ्यों को पेश करते हुए बताया कि कैसे इस फंड को सुनियोजित ढंग से लूटा गया.
उन्होंने कहा कि वे एक जिले बोकारो में हुई कथित लूट का खुलासा कर रहे लेकिन इस प्रकार की लूट पूरे प्रदेश में हुई है, जिसकी जांच आवश्यक है. तभी सारे लूट उजागर होंगे.
मरांडी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खनन क्षेत्र में निवास करने वाले गरीबों,जरूरतमंदों की समस्याओं को बहुत नजदीक से देखा और अनुभव किया है. इसलिए प्रधानमंत्री बनते ही खनिज उत्खनन वेक ज़िलों केलिए डीएमएफटी फंड की व्यवस्था की जिससे खनन से संबंधित जिलों में सड़क,बिजली,पानी,स्वास्थ्य,शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके.
बोकारो में कैसे हुआ खेल
उन्होंने बोकारो जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 और 25-26 का उल्लेख करते हुए कहा कि इन वित्तीय वर्षों में बोकारो के लिए 631 करोड़ रुपए का डीएमएफटी फंड मिला. कई कंपनियों के माध्यम से इस फंड की लूट जिला प्रशासन के द्वारा की गई.
उन्होंने 46 पंचायतों में जेनरेटर की आपूर्ति, 1666 आंगनबाड़ी केंद्रों में डिजिटल मेट्स की आपूर्ति, स्कूलों में टैब लैब ,शहर में 187 हाई मास्ट लाइट की आपूर्ति,एलईडी वैन की खरीद,, सरकारी भवनों में तड़ित चालक , बाला पेंटिंग, सौर ऊर्जा पंपसेट,स्कूलों में मॉड्यूलर किचेन का निर्माण,स्मार्ट मॉडल स्कूल का उन्नयन ,छात्रों केलिए कोचिंग,कौशल विकास और प्लेसमेंट सभी में फंड का बेजा इस्तेमाल करने के आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, एक काम के लिए बार बार निविदा निकालना, बाजार रेट से 10 गुना ज्यादा पर सामग्री की आपूर्ति दिखाते हुए भुगतान करना. ये सारे ऐसे मामले हैं जो बड़े पैमाने पर हुए घोटाले को उजागर करते हैं. लूट का य कारनामा किसी एक अधिकारी अकेले नहीं कर सकता. उपर तक मिलीभगत है.