जमशेदपुरः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने और राज्यसभा में पेश किए जाने के बाद बिल का विरोध कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस पर निशाना साधा है.
उन्होंने कहा है कि जेएमएम और कांग्रेस इस मामले मे तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. झारखंड में जनजातीय समाज को इस बिल से लाभ होगा. ऐसे में जनजातीय समाज को जेएमएम और कांग्रेस के सांसदों का सामजिक बहिष्कार करने की जरुरत है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस के साथ रहकर तुष्टिकरण की राजनीतिक जाल में पूरी तरह फंस चुका है.
जमशेदपुर में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा नेता रघुवर दास ने वक्फ संशोधन विधेयक बिल को लेकर प्रतिक्रिया मीडिया से बातचीत में विधेयक का लोकसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के विरोध करने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का आदिवासी विरोधी चेहरा खुलकर सामने आ गया है.
झारखंड के संदर्भ में महत्वपूर्ण है संशोधन
उन्होंने बताया कि वक्फ संशोधन बिल में किये गए कई संशोधनों में झारखंड के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है. इस बिल के कानून बनने के बाद आदिवासी क्षेत्रों में अनुसूचि 5 एवं अनुसूचि 6 के तहत वक्फ संपत्ति घोषित नहीं की जा सकेगी, जिससे आदिवासी समुदाय की मूल संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों का भी संरक्षण हो सकेगा.
उन्होंने कहा कि झामुमो और हेमंत सोरेन को झारखंड के आदिवासियों को जवाब देना चाहिए कि क्या वे चाहते हैं कि आदिवासी क्षेत्र की जमीन को वक्फ घोषित कर दिया जाए? दास ने जोर देकर कहा कि संविधान की पांचवीं अनुसूची राष्ट्रपति द्वारा घोषित है, जिसके अंतर्गत आदिवासियों की मूल संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों को संरक्षित किया गया है.
रघुवर दास ने कहा. जेएमएम वही दल है, जो खुद को आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए समर्पित राजनैतिक दल के रूप में पेश कर आदिवासियों को भ्रमित करती रहा है. लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक में आदिवासियों के हितों और जमीन की रक्षा के प्रावधान किए, तो झामुमो के लोकसभा सांसदों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसके खिलाफ वोट किया.