रांचीः झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान की मर्यादा, लोकतंत्र पर जितने प्रहार किए हैं, वो देश के इतिहास में काले पन्ने के रूप में दर्ज है. इसके बाद संविधान बचाओ रैली करना उनकी राजनीतिक नौटंकी को जाहिर करता है.
झारखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने छह मई को रांची में संविधान बचाओ रैली बुलाई है. इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अद्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई नेता भाग लेंगे. रैली की तैयारी में कांग्रेस जुटी है. कांग्रेस की इस रैली को लेकर बीजेपी नेता ने मीडिया से बातचीत में हमला बोला है.
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने सत्ता केलिए संविधान की मूल भावना को भी बदल दिया. लोकतंत्र को मार डालने की हर संभव कोशिश की. कांग्रेस ने अपने 60 वर्षों के शासन में 79 बार संविधान में संशोधन किए. इसका उद्देशय सिर्फ तुष्टकरण और सत्ता के लिए था.”
उन्होंने आरोप लगाया कि आपातकाल के दौरान 42वां संविधान संशोधन पारित इतना व्यापक था कि इसे “मिनी संविधान” कहा गया. यह न्यायपालिका, संसद और मूल अधिकारों को कमजोर करने की साज़िश थी. सविंधान पर इस व्यापक प्रहार को जनता पार्टी ने रोका.
उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार ने आपातकाल के दौरान “समाजवादी”, “धर्मनिरपेक्ष” और “राष्ट्रीय अखंडता” जैसे शब्द जोड़े. यह कार्य बिना आम सहमति या जनमत के किया गया और इसे मुस्लिम तुष्टिकरण से प्रेरित माना गया.”
मरांडी ने कहा, “सविंधान संसदीय लोकतंत्र पर भरोसा करता है. संसद की प्रक्रिया में कैबिनेट के फैसले सर्वोच्च होते हैं. राहुल गांधी द्वारा सार्वजनिक स्थल में कैबिनेट के दस्तावेज फाड़ना संसदीय प्रणाली का सीधा अपमान है. पूरे देश में ईडी कार्यालय के सामने हिंसक प्रदर्शन कर अधिकारियों को धमकाना क्या संविधान विरोधी कृत्य नहीं है.”
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि झारखंड में सत्तारूढ़ दल- झामुमो के नेता और सरकार के मंत्री संविधान से ऊपर शरीअत को बताते हैं. वक़्फ़ क़ानून पर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस को समर्थन मिल रहा है. इसके बाद भी ये संविधान बचाओ की दुहाई दे रहे हैं.