रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में आजसू को जनता ने उसकी हैसियत बता दी है. नीति और सिद्धांत विहीन पार्टी ने राज्य में हमेशा आरक्षण और स्थानीय नीति पर दोहरी राजनीति करती रही है.
जेएमएम नेता ने कहा कि जो पार्टी झारखंड में ओबीसी आरक्षण को 24 से घटकर 14 प्रतिशत करने के लिए जिम्मेदार है, वह आरक्षण पर नैतिकता की दुहाई दे रही है. पिछले चुनावों के परिणाम पर गौर करें तो ये साफ नजर आता है कि आजसू पार्टी का अब कोई जनाधार नहीं बचा है.
जेएमएम नेता ने कहा, “आजसू के साथ गठबंधन वाली बाबूलाल मरांडी की सरकार में ओबीसी आरक्षण घटाया गया था, तब आजसू पार्टी सहमत क्यों थी. इतिहास के इस कलंक को वह कभी नहीं मिटा सकती. आजसू पार्टी निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण पर सवाल उठा रही है. जबकि आरक्षण को लेकर कानूनी अड़चन पैदा करने वाले कौन लोग हैं, यह सबको पता है.”
विनोद पांडेय ने कहा, सभी प्रमुख सवाल, नीतियों पर हेमंत सोरेन की सरकार गंभीर है. आजसू पार्टी न तो राज्य की स्थानीय नीति पर कोई ठोस प्रस्ताव लेकर आई, और न ही अपनी सरकारों के दौरान नियोजन को पारदर्शी बना सकी. अब झारखंड सरकार नियोजन नीति को कानूनी और संवैधानिक तरीके से लागू करने में लगी है, तब आजसू सस्ती लोकप्रियता के लिए हथकंडे अपना रही.