झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण और जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन के एक बयान पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिया है. गुरुवार को रांची में बीजेपी ने जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया. इसके बाद राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से बीजेपी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में निकाले गए इस जुलूस में संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा, देवी, संजय सेठ, कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र कुमार राय, राज्य सभा के सांसद दीपक प्रकाश, आदित्य साहू, विधायक नवीन जायसवाल, पूर्व सांसद यदुनाथ पांडेय समेत कई नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे. इसके साथ ही बेजेपी ने कहा है कि राज्य के सभी जिलों मे बीजेपी मंत्री के बयान में विरोध दर्ज कराएगी.
दरअसल, रविवार को रांची में एक निजी चैनल से बात करते हुए मंत्री ने कहा था शरीअत मेरे लिए बड़ा है. हम कुरान सीने में रखते हैं और संविधान हाथ में. हालांकि बाद में बयान को लेकर विवाद तूल पकड़ने के बाद मंत्री ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मोड़ कर पेश किया जा रहा है.
वक्फ संशोधन कानून को लेकर चल रहे विरोध पर मंत्री ने कहा था कि ‘मुस्लिम जिंदा कौम है, वे विरोध तो करेंगे, लेकिन शांतिपूर्ण. मुसलमान कुरान सीने में रखता है और संविधान हाथ में लेकर चलता है. हम पहले शरीअत को पकड़ेंगे इसके बाद संविधान. हम संविधान भी मानते हैं. बाबा साहब ने भी सभी धार्मिक ग्रंथों को पढ़ कर ही संविधान तैयार किया होगा.
राज्यपाल को सौंपे मांग पत्र में बीजेपी ने बताया है कि संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखने की शपथ लेने वाले सरकार के मंत्री संविधान की खुल्लम खुल्ला अवमानना कर रहे है. इनके अलावा राज्य के एक और मंत्री इरफान अंसारी संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन कानून को राज्य में लागू नहीं होने देने का धमकी भरा असंवैधानिक बयान देते हैं. दोनों बयान संविधान की मर्यादाओं का उल्लंघन है. भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट मानना है कि राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति है.

इससे पहले शहीद चौक से बीजेपी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला. सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. राजभवन के पास एहतियातन बैरिकेडिंग कर दिया गया था. वहां पर बीजेपी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.
मीडिया से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक प्रणाली है, जहां भारत की जनता ने बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को अंगीकार किया है. भारत के नीति निर्माताओं ने संविधान को प्रधानता दी है. शरीयत एक निजी मामला है जो राजकाज में लागू नहीं हो सकता.
मरांडी ने कहा कि आज संविधान की बात करने वाले कांग्रेस झामुमो राजद के लोग मौन हैं. सरकार के मंत्री खुलेआम संविधान की अवमानना कर रहे.