रांचीः संथालपरगना की राजनीति में हलचल के बीच बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बोरियो के पूर्व विधायक ताला मरांडी सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए हैं.
शुक्रवार को भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम में ताला मरांडी झामुमो में शामिल हुए. जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ताला मरांडी का स्वागत किया.
ताला मरांडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा से ही राजनीति की शुरुआत की थी. लगभग चार दशक बाद अलग- अलग दलों की राजनीति करते हुए फिर से जेएमएम में लौटे हैं.
ताला मरांडी बोरियो से दो बार विधायक भी रहे हैं. बीजेपी के टिकट से वे 2005 और 2014 में जीते थे. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें राजमहल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाया था, लेकिन वे जेएमएम के विजय हंसदाक से डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हार गए.
भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था, लेकिन विवादों में घिरने के बाद साल 2016 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था.
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने आजसू पार्टी का दामन थाम लिया था. आजसू के टिकट से बोरियो का चुनाव लड़े, लेकिन जेएमएम के लोबिन हेंब्रम से हार गए. तब ताला मरांडी को 8955 वोट मिले थे.
2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वे एक बार फिर बीजेपी में शामिल हो गए. संथालपरगना में एक आदिवासी चेहरा के तौर पर उनकी पहचान रही है, लेकिन दल बदलते रहने के कारण उनकी जमीनी पैठ भी कमजोर पड़ी है. लोकसभा चुनाव हारने के बाद ताला की नजरें टिकी थी कि उन्इहें बोरियो े टिकट मिलेगा, लेकिन पार्टी ने लोबिन पर दांव खेला. दरअसल इस बार बोरियो से जेएमएम के कद्दावर नेता रहे लोबिन हेंब्रम दल से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए और बोरिया विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन लोबिन भी हार गए.
इससे पहले 1995 और 2000 में एकीकृत बिहार विधानसभा में वे कांग्रेस के टिकट से बोरियो से चुनाव लड़े थे. लेकिन दोनों बार लोबिन हेंब्रम से हार गए. इसके बाद 2003 में वे बीजेपी में शामिल हो गए. और पहली बार 2005 में बीजेपी के टिकट से चुनाव भी जीते.
कहा, मौजूदा परिस्थितियों के कारण इस्तीफा
इससे पहले बोरियो के पूर्व विधायक ताला मरांडी ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को पत्र लिखकर भाजपा से त्यागपत्र देने की सूचना दे दिया था. उन्होंने पत्र में लिखा है कि मैं भाजपा का एक समर्पित सदस्य रहा हूं. पार्टी द्वारा दिए गए अवसरों के लिए मैं आभार प्रकट करता हूं. वर्तमान परिस्थितियों, व्यक्तिगत कारणों और वैचारिक मतभेदों के चलते मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तथा सभी पदों से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया है. मेरा यह निर्णय गहन विचार विमर्श के बाद लिया गया है। इसमें किसी प्रकार की दुर्भावना नहीं है.