रांचीः बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा राज्य सरकार को भेजे गए पत्र के आलोक में कहा है कि पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता का अपने पद पर बने रहना असंवैधानिक है और वे दो दिनों से नियम विरूध फैसले ले रहे हैं.
शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार को जो पत्र लिखा है, उसके जवाब में हेमंत सोरेन सरकार ने गृह मंत्रालय को ही पुनर्विचार करने को कहा है. सरकार नियमों को ताक पर रखकर संवैधानिक पदों की गरिमा समाप्त कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया है कि दो दिनों से झारखंड संवैधानिक रूप से डीजीपी विहीन राज्य है.
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 अप्रैल को राज्य सरकार को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि डीजीपी की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार द्वारा बनाया गया नियम ऑल इंडिया सर्विस रूल के अनुरूप नहीं है. ऑल इंडिया सर्विस के रूप में अनुराग गुप्ता का कार्यकालत 30 अप्रैल तक है.
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बीजेपी नेता ने कहा कि ऑल इंडिया सर्विस नियमों के अनुसार, सरकार को डीजीपी की नियुक्ति के लिए पैनल की अनुशंसा यूपीएससी को भेजनी होती है, किंतु झारखंड सरकार ने अपनी मर्ज़ी के नियम बनाकर यह ज़िम्मेदारी ख़ुद ही ले ली. इसे बखूबी जानते हुए भी कि अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल को रिटायर होने वाले हैं, सरकार ने सारे नियम-क़ानूनों को दरकिनार बताते हुए 3 फ़रवरी को उन्हें झारखंड का डीजीपी नियुक्त कर दिया.
मरांडी ने आरोप लगाया कि सरकार ने गुप्ता के रिटायरमेंट के 2 महीने पहले पुलिस प्रमुख के पद पर नियुक्ति करना दर्शाता है कि वे नियुक्ति के बाद कम से कम दो साल डीजीपी बनाए रखने वाले नियम का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए कर रहे हैं. इसके साथ ही मरांडी ने डीजीपी के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें कहा है कि वे ईडी की कार्रवाई को भी प्रभावित करने की कोशिशें करते रहे हैं.
गौरतलब है कि इसी साल तीन फरवरी को अनुराग गुप्ता की डीजीपी के पद पर नियमित नियुक्ति हुई थी. तीन फरवरी को ही इस बाबत अधिसूचना जारी की गई थी. अधिसूचना के मुताबिक गुप्ता का कार्यकाल महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक झारखंड (पुलिस बल प्रमुख) का चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2025 के नियम 10 (1) के अनुरूप होगा. तब से माना जा रहा था कि अनुराग गुप्ता अगले दो वर्ष तक यह जिम्मेदारी संभालेंगे.